AMअब तक न्यूज– जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र लोक सेवा केंद्रों और च्वाइस सेंटरों में नहीं बनेंगे। अब केवल हॉस्पिटलों और नगरीय निकायों में ही बनाए जाएंगे। पहले लोक सेवा केंद्रों और च्वाइस सेंटरों में भी प्रमाण पत्र बनाए जाते थे। लोक सेवा केंद्रों में जन्म, मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए 30 रुपए लिए जाते थे, लेकिन अब अब यह नि: शुल्क बनाया जाएगा। 21 दिनों के भीतर जन्म एवं मृत्यु का प्रमाण पत्र आसानी से बनाया जा सकता है।
केंद्र सरकार के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना मंत्रालय के सॉफ्टवेयर से जनवरी से ही इस सॉफ्टवेयर से काम शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने भी अब यह प्रमाण पत्र केंद्र सरकार के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना मंत्रालय के सॉफ्टवेयर से बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। लोक सेवा केंद्रों में जन्म, मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए 30 रुपए लिए जाते थे, लेकिन अब अब यह नि: शुल्क बनाया जाएगा। 21 दिनों के भीतर जन्म एवं मृत्यु का प्रमाण पत्र में आसानी से बनाया जा सकता है। हालांकि जरूरी प्रमाण पत्र तय समय पर नहीं बनने से परेशान लोगों पर अब एक और नई परेशानी आ गई है। केंद्र सरकार के नियमों का हवाला देकर चिप्स और एनआईसी ने च्वाइस सेंटरों में जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगा दी है। नया नियम लागू होते ही यानी 1 जनवरी से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के जितने भी आवेदन च्वाइस सेंटरों ने निकाय को भेजे थे, सभी रिजेक्ट कर दिए गए हैं। इन प्रमाण पत्रों के लिए उन्हें सरकारी सेंटरों में दोबारा आवेदन करना होगा।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद जरूरी दस्तावेज है। शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर आवेदन च्वाइस सेंटरों से ही निकायों के पास जाते हैं। ऐसे में अचानक सेवा बंद होने से लोग परेशान भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि अब सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को एक आईडी और पासवर्ड दिया जा रहा है। अस्पताल अपने यहां ही आवेदन ले सकते हैं और आईडी-पासवर्ड के जरिए ऑनलाइन इन्हें निकाय को भेज सकते हैं। इन्हें निकायों के अफसर मान्य करेंगे और डिजिटल सिग्नेचर के साथ ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर देंगे।
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के लिए सरकारी सेंटरों में आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं। ऐसे सेंटर कलेक्टोरेट, तहसील दफ्तरों में लोकसेवा केंद्र के नाम पर खुले हुए हैं। इन केंद्रों में दोनों ही प्रमाण पत्रों के लिए अस्पताल का डिस्चार्ज टिकट दिखाना होगा। इसी आधार पर लोक सेवा केंद्र वहीं आवेदन लेंगे और इसके साथ शुल्क भी लेंगे।शासकीय व निजी अस्पतालों में जन्म या मृत्यु पर उसी समय आवेदन कर सकते हैं।आवेदन करवाने का जिम्मा अस्पताल प्रबंधन का है। शुल्क भी वहीं जमा करना होगा। जन्म प्रमाण पत्र 48 घंटे से 4 दिन के बीच आएगा। मृत्यु प्रमाण पत्र में समय लगेगा।
मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना पेंशन, जमीन का मालिकाना हक ट्रांसफर, नामांतरण, बैंकों में नॉमिनी के नाम पर रकम निकालने, अनुकंपा नियुक्ति, मुआवजा समेत कई जरूरी काम नहीं होते। जन्म प्रमाण पत्र के बिना स्कूलों में बधाों का दाखिला नहीं होता। कई इंश्योरेंस पॉलिसी में भी यह जरूरी हैं। अभी स्कूलों में एडमिशन फॉर्म मिलने शुरू हो गए हैं, इसलिए जन्म प्रमाण पत्रों की जरूरत ज्यादा है।
