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कर्मियों के बच्चों व परिजनों के मनोरंजन के नहीं हैं साधन एसईसीएल प्रबंधन द्वारा बांकीमोंगरा कालोनी में 40 वर्ष पूर्व बनाए गए उद्यान का अस्तित्व रखरखाव के अभाव में समाप्त हो चुका है। यहां निवासरत कर्मियों के बच्चों व परिजनों के मनोरंजन के लिए कोई साधन नहीं हैं।श्रमिकों को आवास व अन्य सुविधाएं प्रबंधन द्वारा मुहैया करायी गई है। श्रमिकों व इनके परिजनों के मनोरंजन के लिए 40 वर्ष पूर्व प्रबंधन द्वारा कालोनी के मध्य बड़े भू भाग में उद्यान का निर्माण कराया था। उद्यान में लगाए गए झूले, बच्चों के फिसलने के लिए फिसलपट्टी, आंखों व मन को सुकुन पहुंचाने वाला फव्वारा आदि का रखरखाव नहीं करने से मिट्टी में मिल गए। अब यह उद्यान एक कचरा फेंकने की जगह का रूप ले चुकी है,कालोनीवासियों द्वारा कई बार प्रबंधन से उद्यान को फिरसे विकसित करने की मांग की जा चुकी है लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। बांकीमोंगरा उद्यान का निर्माण श्रमिकों व उनके परिजनों के मनोरंजन के लिए प्रबंधन ने कराया था,लेकिन प्रबंधन की अनदेखी के कारण अब यहां जहरीले जीव जंतुओं ने डेरा बना लिया है। चारों ओर झाड़ उग गए हैं और पानी भरा हुआ है। इससे जहरीले जीव-जंतुओं अपना बसेरा बना लिया है, जो अक्सर यहां से निकलकर आसपास के घरों तक पहुंच जाते हैं। सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है। इस पर अमल करने एसईसीएल अधिकारियों द्वारा साफ-सुथरे स्थान पर झाडू लगाकर या. फिर कार्यक्रम आयोजित कर स्वच्छता अभियान का ढोल पीटकर ढकोसला करते देखा जा सकता है लेकिन इस पर अमल कोसों दूर है। बांकीमोंगरा उद्यान इसका साक्षात उदाहरण है। यहां बारिश का पानी जमा होने से बदबू तो उठती ही है साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। पानी जमा होने से जलजनित बीमारी व मलेरिया जैसे रोग से क्षेत्रवासी पीड़ित हो रहे हैं।
कहां खर्च होती है सीएसआर की राशि, एसईसीएल प्रबंधन द्वारा श्रमिकों एवं भूविस्थापितों को सुविधा मुहैया कराने में सीएसआर की राशि खर्च करने की बात कहती है, लेकिन न कालोनी में न तो सफाई है और न ही मूलभूत सुविधाएं। ऐसे में लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जा रहा है कि आखिरकार सीएसआर की राशि कहां खर्च की जाती है?

